प्रकृति के जीवन चक्र का विवरण ।नूतन का पुरातन से सामन्जस्य व समावेश । प्रकृति के जीवन चक्र का विवरण ।नूतन का पुरातन से सामन्जस्य व समावेश ।
तुम ये भूल गयी थी कि तुम्हारे चक्र में मैं भी तो बंधा था ! तुम ये भूल गयी थी कि तुम्हारे चक्र में मैं भी तो बंधा था !
कह देना यमराज को अपना सत्य, याद दिलाना उन्हें उस सावित्रि का वो प्रेम तू, कह देना यमराज को अपना सत्य, याद दिलाना उन्हें उस सावित्रि का वो प्रेम तू,
प्रकृति को अगर सताओगे तो बसंत कहां से पाओगे। प्रकृति को अगर सताओगे तो बसंत कहां से पाओगे।
नमन, सत्कार और असीम करुणा से, नमन, सत्कार और असीम करुणा से,
प्रभु कृपा स्वीकार करो, मेरी प्रार्थना स्वीकार करो। प्रभु कृपा स्वीकार करो, मेरी प्रार्थना स्वीकार करो।